अथर्ववेद प्रथम काण्ड
पञ्चकोश-साधना (Panchkosh Sadhna)
अथर्ववेद तृतीय काण्ड

अथर्ववेद – Atharvaveda – 3:31 – यक्ष्मनाशन सूक्त
अथर्ववेद संहिताअथ तृतीय काण्डम् ५८०. वि देवा जरसावृतन् वि त्वमग्ने अरात्या।व्य१हं सर्वेण पाप्मना वि यक्ष्मेण समायुषा॥१॥ देवगण वृद्धावस्था से अप्रभावित रहते हैं। हे अग्निदेव! आप...

अथर्ववेद – Atharvaveda – 3:30 – सांमनस्य सूक्त
अथर्ववेद संहिताअथ तृतीय काण्डम् ५७३. सहृदयं सामनस्यमविद्वेषं कृणोमि वः।अन्यो अन्यमभि हर्यत वत्सं जातमिवाघ्न्या॥१॥ हे मनुष्यो ! हम आपके लिए हृदय को प्रेमपूर्ण बनाने वाले तथा...

अथर्ववेद – Atharvaveda – 3:29 – अवि सूक्त
अथर्ववेद संहिताअथ तृतीय काण्डम् इस सूक्त के १ से ६ तक मंत्रों के देवता 'शितिपाद् अवि' हैं । 'शिति' का अर्थ अँधेरा-उजाला (काला-सफेद) होता है।...

अथर्ववेद – Atharvaveda – 3:28 – पशुपोषण सूक्त
अथर्ववेद संहिताअथ तृतीय काण्डम् इस सूक्त के ऋषि 'ब्रह्मा' तथा देवता 'यमिनी' है। कौशिक सूत्र में इस सूक्त से युगल-जुड़वाँ सन्तानों के दोष निवारण का...

अथर्ववेद – Atharvaveda – 3:27 – शत्रुनिवारण सूक्त
अथर्ववेद संहिताअथ तृतीय काण्डम् ५५३. प्राची दिगग्निरधिपतिरसितो रक्षितादित्या इषवः।तेभ्यो नमोऽधिपतिभ्यो नमो रक्षितृभ्यो नम इषुभ्यो नम एभ्यो अस्तु। यो३स्मान् द्वेष्टि यं वयं द्विष्मस्तं वो जम्भे दध्मः॥१॥...
History
World Sanskrit Day 2023- Must Read Books
There exist numerous tomes elucidating the paramountcy and import of the Sanskrit tongue, yet I shall enumerate a handful of preeminent volumes for an initiatory...
Vedic Scripture (वैदिक वाङ्गमय) – An Introduction – 01
वैदिक वाङ्गमय (वैदिक साहित्य) का संक्षिप्त परिचय - 01 Vedic Scripture - An Introduction - 01 इस कड़ी का यह प्रथम वीडियो है, जिसमे वैदिक...
नालन्दा विश्वविद्यालय – एक वैश्विक विरासत
नालंदा विश्वविद्यालय - एक वैश्विक विरासत प्राचीन बिहार प्रांत (जिसका नामकरण बौद्ध विहारों की बहुलता के कारण बिहार हुआ) के नालंदा जिले में स्थापित है...
When the South was one by Ms. Monika Jha
Interview: When the South was one By Monica Jha Published in FountainInk - March 15, 2018 Historian Vasundhara Filliozat on distortions of history, and how...
2. The Turn Towards Unity: Its Necessity and Dangers : Sri Aurobindo
If we consider the past of humanity so far as it is known to us, we find that the interesting periods of human life, the...
1. The Turn Towards Unity: Its Necessity and Dangers : Sri Aurobindo
THE SURFACES of life are easy to understand; their laws, characteristic movements, practical utilities are ready to our hand and we can seize on them...