पञ्चकोश-साधना (Panchkosh Sadhna)

Panchkopsh
पाँच तत्वों से बने इस शरीर में उसके सत्व गुण चेतना के पाँच उभारों के रूप में दृष्टिगोचर होते हैं
(१) मन, माइण्ड
(२) बुद्धि, इण्टिलैक्ट
(३) इच्छा, विल
(४) चित्त, माइण्ड स्टफ
(५) अहंकार, ईगो
पाँच तत्वों (फाइव ऐलीमेण्ट्स) के राजस तत्व से पाँच प्राण (वाइटल फोर्सेज) उत्पन्न होते हैं। पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ उन्हीं के आधार पर अपने विषयों का उत्तरदायित्व निबाहती हैं। तत्वों के तमस भाग से काय कलेवर का निर्माण हुआ है।
(१) रस (२) रक्त (३) माँस (४) अस्थि (५) मज्जा के रूप में उन्हें क्रिया निरत काया में देखा जा सकता है। मस्तिष्क, हृदय, आमाशय, फुफ्फुस और गुर्दे यह पाँचों विशिष्ट अवयव, तथा पाँच कर्मेन्द्रियों को उसी क्षेत्र का उत्पादन कह सकते हैं। जीव सत्ता के सहयोग के लिए मिले पाँच देवताओं को पाँच कोश कहा जाता है। यों दीखने में शरीर एक ही दिखाई पड़ता है, फिर भी उनकी सामर्थ्य क्रमशः एक से एक बढ़ी- चढ़ी है। ऐसे ही पाँच शरीरों को यह जीव धारण किए हुए है। अंग में एक ही शरीर दीखता है, शेष चार प्रत्यक्ष दृष्टिगोचर नहीं होते, फिर भी उनकी सामर्थ्य क्रमशः एक से एक की बढ़ी- चढ़ी है। न दीखते हुए भी वे इतने शक्ति सम्पन्न हैं कि उनकी क्षमताओं को जगाया जा सकना सम्भव हो सके तो मनुष्य तुच्छ से महान और आत्मा से परमात्मा बन सकता है।
जीव पर चढ़े हुए पाँच आवरणों, पाँच कोशों के नाम हैं
(१) अन्नमय- कोश (The physical Consciousness)
(२) प्राणमय कोश (The Awakened Consciousness)
(३) मनोमय कोश (The Psychic Consciousness)
(४) विज्ञानमय कोश (The intuitive Consciousness)
(५) आनन्दमय कोश (The beatitudinous consciousness)

The science of spirituality deals with all the subtle and physical level of the conscious body. Experts of this science can perform supernatural experiments on the physical body. They experience more and more blissfulness as they realize higher and subtler levels of consciousness. The five important levels of the human consciousness are