November 28, 2023
Ceremonial Sacrifice ( Agnihotra, Hawan or Yahna )

? 03/03/2019_रविवार_ प्रज्ञाकुंज सासाराम_ यज्ञीय ज्ञान विज्ञान_पंचकोशी साधना प्रशिक्षक बाबूजी श्री लाल बिहारी सिंह एवं आल ग्लोबल पार्टिसिपेंट्स। ?

? ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो नः प्रचोदयात् ?
? वीडियो अवश्य रेफर करें ?

? डाॅक्टर ममता सक्सेना दीदी (रिसर्चर):-

? यज्ञ के अनेकानेक लाभ मे पर्यावरण एवं वायुमंडल शीधन एक। यज्ञ शारीरिक और मानसिक उपचार मे भी अत्यंत प्रभावी।

? वायु विषैले गैसों से और बैक्टीरिया से प्रदूषित होता है। इस पर दीदी ने गहन रिसर्च किया है। आज से 15 वर्ष पहले दीदी देव संस्कृति विद्यालय ज्वॉइन किया और यज्ञीय ज्ञान विज्ञान पर गहन रिसर्च किया।

? रिसर्च की शुरुआत दीदी अपने घर से की और पाया की यज्ञ @ हवन के स्थूल और सुक्ष्म प्रभाव को पाया। हवन से वायु शोधन हुआ और बैक्टीरिया की संख्या कम होती चली गयी। और यह केवल हवन वाले दिन ही नही वरन अगले 7 दिनो तक प्रभावी रहा। वही साधारण धुआं से वायु प्रदूषित हुआ और बैक्टीरियल इन्टेनसिटी बढ़ती चल गयी। दीदी ने इसे फिगर्स (आंकड़े) मे इसे वेल डिफाइन किया है। वीडियो अवश्य रेफर किया जाये।

? सन् 2004 मे इंडिया गेट पर दीदी ने रिसर्च मे पाया की यज्ञ कार्बन डाई आक्साईड, कार्बन मोनोक्साइड नाइट्रस आक्साइड जैसे विषैली गैसों को दूर करने मे अत्यंत प्रभावी है।

? यज्ञ के दौरान बताये गये सावधानी मे दीदी ने बताया की लकड़ी पूर्णतया सूखी हों, उसमे फंगस ना लगे हों, कार्बन ना जमे हों। आम की लकड़ी कार्बन मोनोक्साइड फ्री होते है। उपले अर्थात् गोबर के कंडे का इस्तेमाल किया जा सकता है। आग की लौ पूर्णतया प्रज्वलित होने के बाद ही हवन सामग्री डालें। सामने रखे कलश को पेंट ना किया जाए।

? यज्ञ पद्धति के अनुसार किया गया यज्ञ स्थुल और सुक्ष्म दोनो स्तर पर अत्यंत प्रभावी।

? मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल, मोबाइल टावर्स, लैपटाप, फ्रिज इत्यादि के रेडिएशन से कैंसर जैसे रोग से पीड़ित होने की संभावना बढ़ जाती है। दीदी ने रिसर्च मे पाया की यज्ञ वातावरण से रेडिएशन को भी कम करने मे अत्यंत प्रभावी है। दैनिक हवन के फलस्वरूप दीदी ने अपने घर को रेडिएशन फ्री पाया। दीदी ने पाया की मंत्रोच्चारण और हवन सामग्री के साथ किया गया यज्ञ ज्यादा प्रभावी होता है।

? चिकित्सीय यज्ञ @ यज्ञोपैथी मानवता के कल्याण हेतु महा औषध। रिसर्च मे पाया गया की यज्ञ के दौरान प्राणायाम करने से लाइफस्टाइल डिजीज लाइक हाइपरटेंशन, डायबिटीज, ओबेसिटी, ज्वाइंट पेन जैसे रोगो से मुक्ति पायी गयी। ऊर्जा का स्तर बढ़ जाता है, हमे ऊर्जावान बनाती है। दीदी ने लाभान्वित लोगो के नाम शेयर किये हैं।

? यज्ञ का प्राण मंत्र हैं। अतएव मंत्रोच्चारण के द्वारा किया गया यज्ञ ज्यादा प्रभावी होता है। यज्ञ का प्रभाव यज्ञ करने वाले पर भी डिपेंड करती है। यज्ञ अगर साधक के द्वारा किया गया तो वह ज्यादा प्रभावी होता है।

? बलिवैश्य यज्ञ और दीपयज्ञ भी यज्ञ के संपूर्ण लाभ देते हैं। सद्भावना युक्त मंत्रोच्चारण सुक्ष्म स्तर पर वृहद् लाभ देते हैं।

? बाबूजी:-

? हम सभी भाग्यशाली हैं जो वैज्ञानिक स्तर पर दीदी जैसे लोग अनुसंधानरत् हैं।

? हर कर्म यज्ञ हों। जीवन यज्ञमय हों। स्वीष्ट्रीकृत होम क्षय रोगों का नाश करता है। याज्ञवल्क्य ऋषि यज्ञोपैथी के पिता। रेडिएशन विज्ञान, औषध विज्ञान एवं अध्यात्मिक विज्ञान तीनो यज्ञ विज्ञान के आधारभूत तत्व हैं।

? दीदी को बहुत बहुत आभार ?

? ॐ शांति शांति शांति ?

संकलक – विष्णु आनन्द जी

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