Vedanta (Upanishad) and Quantum Physics-2
There is no meaning to the objective existence of an electron at some point is space, for example at one...
There is no meaning to the objective existence of an electron at some point is space, for example at one...
अथर्ववेद संहिताअथ चतुर्थ काण्डम् ९०७. ये पुरस्ताज्जुह्वति जातवेदः प्राच्या दिशोऽभिदासन्त्यस्मान्।अग्निमृत्वा ते पराञ्चो व्यथन्तां प्रत्यगेनान् प्रतिसरेण हन्मि॥१॥हे जातवेदा अग्निदव! जो शत्रु...
अथर्ववेद संहिताअथ चतुर्थ काण्डम् ८९७. पृथिव्यामग्नये समनमन्त्स आर्ध्नोत्।यथा पृथिव्यामग्नये समनमन्नेवा मह्यं संनमः सं नमन्तु॥१॥धरती पर अग्निदेव के सम्मुख समस्त प्राणी...
अथर्ववेद संहिताअथ चतुर्थ काण्डम् * ८९०. उद्भिन्दतीं सञ्जयन्तीमप्सरां साधुदेविनीम्।ग्लहे कृतानि कृण्वानामप्सरां तामिह हुवे॥१॥उद्भेदन (शत्रु उच्छेदन अथवा ग्रन्थियों का निवारण करने...
अथर्ववेद संहिताअथ चतुर्थ काण्डम् इस सूक्त में ओषधि एवं मंत्र प्रयोग के संयोग से कृमियों के नाश का वर्णन है।...
अथर्ववेद संहिताअथ चतुर्थ काण्डम् ८६८. तान्त्सत्यौजा: प्र दहत्वग्निर्वैश्वानरो वृषा।यो नो दुरस्याद् दिप्साच्चाथो यो नो अरातियात्॥१॥जो शत्रु हम पर झूठा दोषारोपण...
अथर्ववेद संहिताअथ चतुर्थ काण्डम् ८६१. यमोदनं प्रथमजा ऋतस्य प्रजापतिस्तपसा ब्रह्मणेऽपचत्।यो लोकानां विधुति भिरेषात् तेनौदनेनाति तराणि मृत्युम्॥१॥जिस ओदन को सर्वप्रथम उत्पन्न...
अथर्ववेद संहिताअथ चतुर्थ काण्डम् इस सूक्त के देवता 'ब्रह्मौदन' हैं। लौकिक संदर्भ में यज्ञीय क्रम में संस्कारयुक्त जो अन्न दान...
अथर्ववेद संहिताअथ चतुर्थ काण्डम् ऋषि - ब्रह्मा, देवता - अग्नि, छन्द - गायत्री ८४५. अप॑ नः॒ शोशु॑चद॒घमग्ने॑ शुशु॒ग्ध्या र॒यिम्।अप॑ नः॒...
अथर्ववेद संहिताअथ चतुर्थ काण्डम् ८३८. यस्ते मन्योऽविधद् वज्र सायक सह ओजः पुष्यति विश्वमानुषक्।साह्याम दासमार्य त्वया युजा वयं सहस्कृतेन सहसा सहस्वता॥१॥हे...