Rigveda (ऋग्वेद) – An Introduction -01 – Astronomical Significance behind Classification of Suktas
नमस्ते, प्रणाम 🙏Namaste, Pranam 🙏 Rigveda - An Introduction ( Astronomical Significance behind Classification of Suktas ) ऋग्वेद - एक...
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नमस्ते, प्रणाम Namaste, Pranam वैदिक वाङ्गमय के परिचय की श्रृंखला में यह हमारा तीसरा व अंतिम वीडियो है जिसमे पुराण,...
प्रस्तुत वीडियो, वैदिक वाङ्गमय की श्रृंखला का दूसरा वीडियो है जिसमे उपवेद, वेदाङ्ग, स्मृति और दर्शन ग्रंथो का संक्षिप्त परिचय...
वैदिक वाङ्गमय (वैदिक साहित्य) का संक्षिप्त परिचय - 01 Vedic Scripture - An Introduction - 01 इस कड़ी का यह...
अथर्ववेद संहिताअथ चतुर्थ काण्डम् ९०७. ये पुरस्ताज्जुह्वति जातवेदः प्राच्या दिशोऽभिदासन्त्यस्मान्।अग्निमृत्वा ते पराञ्चो व्यथन्तां प्रत्यगेनान् प्रतिसरेण हन्मि॥१॥हे जातवेदा अग्निदव! जो शत्रु...
अथर्ववेद संहिताअथ चतुर्थ काण्डम् ८९७. पृथिव्यामग्नये समनमन्त्स आर्ध्नोत्।यथा पृथिव्यामग्नये समनमन्नेवा मह्यं संनमः सं नमन्तु॥१॥धरती पर अग्निदेव के सम्मुख समस्त प्राणी...
अथर्ववेद संहिताअथ चतुर्थ काण्डम् * ८९०. उद्भिन्दतीं सञ्जयन्तीमप्सरां साधुदेविनीम्।ग्लहे कृतानि कृण्वानामप्सरां तामिह हुवे॥१॥उद्भेदन (शत्रु उच्छेदन अथवा ग्रन्थियों का निवारण करने...
अथर्ववेद संहिताअथ चतुर्थ काण्डम् इस सूक्त में ओषधि एवं मंत्र प्रयोग के संयोग से कृमियों के नाश का वर्णन है।...
अथर्ववेद संहिताअथ चतुर्थ काण्डम् ८६८. तान्त्सत्यौजा: प्र दहत्वग्निर्वैश्वानरो वृषा।यो नो दुरस्याद् दिप्साच्चाथो यो नो अरातियात्॥१॥जो शत्रु हम पर झूठा दोषारोपण...
अथर्ववेद संहिताअथ चतुर्थ काण्डम् ८६१. यमोदनं प्रथमजा ऋतस्य प्रजापतिस्तपसा ब्रह्मणेऽपचत्।यो लोकानां विधुति भिरेषात् तेनौदनेनाति तराणि मृत्युम्॥१॥जिस ओदन को सर्वप्रथम उत्पन्न...