अथर्ववेद – Atharvaveda – 4:21 – गोसमूह सूक्त
अथर्ववेद संहिताअथ चतुर्थ काण्डम् ७६०. आ गावो अग्मन्नुत भद्रमक्रन्त्सीदन्तु गोष्ठे रणयन्त्वस्मे।प्रजावती: पुरुरूपा इह स्युरिन्द्राय पूर्वीरुषसो दुहानाः॥१॥ गौएँ हमारे घर आकर...
अथर्ववेद संहिताअथ चतुर्थ काण्डम् ७६०. आ गावो अग्मन्नुत भद्रमक्रन्त्सीदन्तु गोष्ठे रणयन्त्वस्मे।प्रजावती: पुरुरूपा इह स्युरिन्द्राय पूर्वीरुषसो दुहानाः॥१॥ गौएँ हमारे घर आकर...