अथर्ववेद – Atharvaveda – 3:24 – समृद्धिप्राप्ति सूक्त
अथर्ववेद संहिताअथ तृतीय काण्डम् ५३४. पयस्वतीरोषधयः पयस्वन्मामकं वचः।अथो पयस्वतीनामा भरेऽहं सहस्रशः॥१॥ समस्त ओषधियाँ (धान्य) रस (सारतत्त्व) से परिपूर्ण हों। मेरे...
अथर्ववेद संहिताअथ तृतीय काण्डम् ५३४. पयस्वतीरोषधयः पयस्वन्मामकं वचः।अथो पयस्वतीनामा भरेऽहं सहस्रशः॥१॥ समस्त ओषधियाँ (धान्य) रस (सारतत्त्व) से परिपूर्ण हों। मेरे...