अथर्ववेद – Atharvaveda – 4:05 – स्वापन सूक्त
अथर्ववेद संहिताअथ चतुर्थ काण्डम् ६२१. सहस्रशृङ्गो वृषभो यः समुद्रादुदाचरत्।तेना सहस्येना वयं नि जनान्स्वापयामसि॥१॥ सहस्र श्रृंगों (रश्मियो) वाला वृषभ (वर्षा करने...
अथर्ववेद संहिताअथ चतुर्थ काण्डम् ६२१. सहस्रशृङ्गो वृषभो यः समुद्रादुदाचरत्।तेना सहस्येना वयं नि जनान्स्वापयामसि॥१॥ सहस्र श्रृंगों (रश्मियो) वाला वृषभ (वर्षा करने...