Rigveda (ऋग्वेद) – An Introduction -01 – Astronomical Significance behind Classification of Suktas
नमस्ते, प्रणाम 🙏Namaste, Pranam 🙏 Rigveda - An Introduction ( Astronomical Significance behind Classification of Suktas ) ऋग्वेद - एक...
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नमस्ते, प्रणाम Namaste, Pranam वैदिक वाङ्गमय के परिचय की श्रृंखला में यह हमारा तीसरा व अंतिम वीडियो है जिसमे पुराण,...
प्रस्तुत वीडियो, वैदिक वाङ्गमय की श्रृंखला का दूसरा वीडियो है जिसमे उपवेद, वेदाङ्ग, स्मृति और दर्शन ग्रंथो का संक्षिप्त परिचय...
वैदिक वाङ्गमय (वैदिक साहित्य) का संक्षिप्त परिचय - 01 Vedic Scripture - An Introduction - 01 इस कड़ी का यह...
अथर्ववेद संहिता॥अथ तृतीय काण्डम्॥ ३६१. अग्निनः शत्रून् प्रत्येतु विद्वान् प्रतिदहन्नभिशस्तिमरातिम्।स सेनां मोहयतु परेषां निहस्तांश्च कृणवज्जातवेदाः॥१॥ ज्ञानी अग्निदेव (अथवा अग्रणी वीर)...
अथर्ववेद-संहिता॥अथ प्रथमं काण्डम्॥ ११९. उप प्रागाद् देवो अग्नी रक्षोहामीवचातनः।दहन्नप द्वयाविनो यातुधानान् किमीदिनः॥१॥ रोगों को विनष्ट करने वाले, असुरों का विनाश...
अथर्ववेद-संहिता॥अथ प्रथमं काण्डम्॥ ११५ अमूः पारे पृदाक्यस्त्रिषप्ता निर्जरायवः।तासां जरायुभिर्वयमक्ष्या३वपि व्ययामस्यघायोः परिपन्थिनः॥१॥ जरायु निकलकर पार हुई ये त्रिसप्त (तीन और सात)...
अथर्ववेद-संहिता॥अथ प्रथमं काण्डम्॥ इस सूक्त के देवता रूप में इन्द्राणी वर्णित हैं। इन्द्र शब्द राजा के लिए प्रयुक्त होने से...
अथर्ववेद-संहिता॥अथ प्रथमं काण्डम्॥ १०७. यदग्निरापो अदहत् प्रविश्य यत्राकृण्वन् धर्मधृतो नमांसि।तत्र त आहुः परमं जनित्रं स नः संविद्वान् परि वृङ्ग्धि तक्मन्॥१॥...
अथर्ववेद-संहिता॥अथ प्रथमं काण्डम्॥ १०३. सुपर्णों जातः प्रथमस्तस्य त्वं पित्तमासिथ।तदासुरी युधा जिता रूपं चक्रे वनस्पतीन्॥१॥ हे ओषधे !सर्वप्रथम आप सुपर्ण (सूर्य...